अलसाई सुबह में चाय उबाली जाए,
तहखानों में बैठी बात निकाली जाए,
छल माया के भीषण अंधियारे में,
खुद ही सच की मशाल संभाली जाए,
भ्रष्टाचार को दरकिनार कर,
खो चुकी अपनी साख खंगाली जाए,
जब बड़ा हो जाए झूठ का मसीहा,
सिद्धांतों के हमारे, की रखवाली जाए,
कहना है सतर्कता विभाग का सभी से,
तहखानों में बैठी बात निकाली जाए।
- अमन